तेरी मुस्कान की जो एक झलक देखी है,
दिल में मीठी सी चुभन और कसक देखी है,
तू जो हँसती है तो बज उठते हैं घुंघरू कितने ,
तेरे हंसने में वो बेबाक खनक देखी है ॥
तेरे आँखों के प्यालों में है हल्का सा नशा ,
रूह से चख लूँ तो मदहोश हुआ जाता हूँ,
निगाहें चार जो कर ले तो खुद को ही खो दूँ मैं,
तेरी आँखों में वो मद मस्त चमक देखी है ॥
तू जो बलखाये तो हिरणों को भी पानी कर दे ,
तेरी हर एक अदा में वो चहक देखी है ,
भर लूँ आगोश में जो तुझको तो खिल जाऊं मैं,
तेरे जुल्फों से उठती वो महक देखी है॥
तू करीब आये और मुझसे बस दो बात करे ,
दिल आज भी बस इसी इंतज़ार में है,
ऐ हसीं तू बेशक इजहार -ए -इश्क़ न कर,
तेरी निगाहों में मैंने वो एक कसक देखी है ॥